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My Creativities

सुविचार / Quotes 70%
कविताएँ / Poems 90%
ग़ज़ल, नज़्म / Gazal, Nazm 70%
गीत, रैप / Songs, Raps 80%

My Creations

मेरा नाम डॉ.कविता सिंह ‘प्रभा’ है। मैंने M.Sc,M.Phil, Ph.D और B.Ed किया है।  मैं पिछले बीस वर्षों से अध्यापन कार्य कर रही हूँ। मुझे कविताएँ, ग़ज़ल,नज़्म,गीत,रैप,नाटक तथा नुक्कड़ नाटक लिखने का शौक है।  मुझे हिंदी भाषा व हिंदी विषय से बहुत अधिक लगाव है।

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My Poems

हँसी

फिर सुबह खुल के बिखरी धूप मेरे आँगन में, लगता है उसके चेहरे पर हँसी आई होगी। -डॉ कविता सिंह’प्रभा’

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हिंदी भाषा हिंद की!

हिंदी भाषा हिंद की! संस्कृत के मातृत्व से महकती, हिंदी भाषा हिंद की!   वेद-पुराण का अद्भुत-अलौकिक ज्ञान लेकर, युगों-युगों का चिरकालिक वृतांत लेकर।   प्राचीनता और नवीनता का संगम किए, साहित्य सृजन

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मुस्कान

मुस्कुराने में कोई हर्ज़ नहीं, यह लबों पर कोई कर्ज़ नहीं। एक मुस्कान दिन हसीन बना सकती है, उम्मीदों के कई चिराग जला सकती है। रूठे को मना सकती है,रोते को हँसा सकती

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