हँसी Leave a Comment / शायरी / By डॉ.कविता सिंह 'प्रभा' फिर सुबह खुल के बिखरी धूप मेरे आँगन में, लगता है उसके चेहरे पर हँसी आई होगी। -डॉ कविता सिंह’प्रभा’