शिकवे-शिकायत

माहौल को खुशनुमा बनाने के लिए एक मुस्कान बहुत है।

घर को जन्नत बनाने के लिए अपनों का साथ बहुत है। 

छोड़ दो शिकवे-शिकायत! 

ज़िंदगी जीने के लिए मन का सुकून बहुत है।

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