ज़िंदगी,आ तुझे हम गले से लगाएँ।
कारवां मिले न मिले,तुझे अपना हमसफ़र बनाएँ।
मोहब्बत भी तुझसे शिकायत भी तुझसे,
कभी दोस्ती कभी दुश्मनी निभाएँ।
ज़िंदगी,आ तुझे हम गले से लगाएँ।
ज़िंदगी,आ तुझे हम गले से लगाएँ।
कारवां मिले न मिले,तुझे अपना हमसफ़र बनाएँ।
मोहब्बत भी तुझसे शिकायत भी तुझसे,
कभी दोस्ती कभी दुश्मनी निभाएँ।
ज़िंदगी,आ तुझे हम गले से लगाएँ।
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