कीचड़ में खिला कमल फिर भी,    

            प्रभु-चरणों में शरण पाता है‌।

सूर्य की स्वर्णिम किरणों से,

            अप्रतिम सौंदर्य पाता है।

कीचड़ का भाग्य है या कमल का?

दोनों का साथ होना ही,जीवन का सत्य बताता है।

सुख-दुख जीवन के दो पहलू हैं !

दुख का अनुभव होने से ही,सुख का महत्व बढ़ जाता है‌।

घिरे रहे अनगिनत रिश्तों से!

अपना है वही,जो संकट में साथ निभाता है।

कीचड़ में खिला कमल फिर भी,    

            प्रभु-चरणों में शरण पाता है‌।

सूर्य की स्वर्णिम किरणों से,

            अप्रतिम सौंदर्य पाता है।

कीचड़ में खिला कमल

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