कभी तारों को अपने घर में सजा कर देखो,
इस ज़मीं को आसमां बना कर देखो।
कभी तारों को अपने घर में सजा कर देखो…..
कोई मंज़िल नहीं ऐसी जिसे तुम पा ना सको,
हौंसला अपना फ़लक से बढ़ा कर देखो।
कभी तारों को अपने घर में सजा कर देखो…..
कोई ख़्वाब नहीं ऐसा जो हकीकत न बने,
अपने हाथों से किस्मत को बना कर देखो।
कभी तारों को अपने घर में सजा कर देखो…..
उदास रहने से क्या हासिल होगा,
किसी गरीब के होंठों पर हँसी लाकर देखो।
कभी तारों को अपने घर में सजा कर देखो…..
हर तरफ खुशियाँ बाँट सकते हो,
मन में चाहत बस एक बार तो ला कर देखो।
कभी तारों को अपने घर में सजा कर देखो…..