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My Creativities
My Creations
मेरा नाम डॉ.कविता सिंह ‘प्रभा’ है। मैंने M.Sc,M.Phil, Ph.D और B.Ed किया है। मैं पिछले बीस वर्षों से अध्यापन कार्य कर रही हूँ। मुझे कविताएँ, ग़ज़ल,नज़्म,गीत,रैप,नाटक तथा नुक्कड़ नाटक लिखने का शौक है। मुझे हिंदी भाषा व हिंदी विषय से बहुत अधिक लगाव है।
My Poems
मुखौटा
देखो-देखो कितने अद्भुत मुखौटे, भिन्न-भिन्न रंग-रूप से लुभाते मुखौटे। कितने किरदार निभाते मुखौटे, कभी हँसाते तो कभी रुलाते मुखौटे। कभी खूबसूरत तो कभी बदशक्ल दिखाते मुखौटे, कभी झूठ दिखाते तो कभी सच को
मेरी विरासत
मुझे विरासत में माँ ने दिए…. चंद ग़ज़लें,कुछ कविताएँ और मोहक लोकगीत। आज भी मेरे ज़हन ने सँभाले,जैसे हो वे मेरे मीत। याद है मुझको अपने बचपन की, नटखट से भोलेपन की। याद
जीवन बहती धारा
जीवन बहती धारा है। बहना प्रकृति का नियम है। निरंतर बहते जाना है। कुछ इसी बहाव के साथ बहते जाते हैं। कुछ इस धारा के प्रवाह को मोड़ नया रास्ता बनाते हैं। बूँद-बूँद