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My Creativities

सुविचार / Quotes 70%
कविताएँ / Poems 90%
ग़ज़ल, नज़्म / Gazal, Nazm 70%
गीत, रैप / Songs, Raps 80%

My Creations

मेरा नाम डॉ.कविता सिंह ‘प्रभा’ है। मैंने M.Sc,M.Phil, Ph.D और B.Ed किया है।  मैं पिछले बीस वर्षों से अध्यापन कार्य कर रही हूँ। मुझे कविताएँ, ग़ज़ल,नज़्म,गीत,रैप,नाटक तथा नुक्कड़ नाटक लिखने का शौक है।  मुझे हिंदी भाषा व हिंदी विषय से बहुत अधिक लगाव है।

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My Poems

प्रकृति

प्रकृति है अनमोल धरोहर, वरदान है परम परमेश्वर का। उगता सूरज खिलती सुबह, महका फूल हर उपवन का। शीतल हवा के मदमाते झोंके, उत्साह बढ़ाएँ जीवन का। नदियाँ,पर्वत,बादल,सागर अद्भुत मेल रहस्यों का। हर

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चाहत के धागे

चाहत के रंगीन धागे,           आज फिर से बुन लिए। मोहब्बत की स्याही भरे,           लफ़्ज़ों के फूल चुन लिए। एहसास के कशीदों से,           ग़ज़ल के बोल गढ़ दिए। कलम की सुई

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चाहत

कभी तारों को अपने घर में सजा कर देखो, इस ज़मीं को आसमां बना कर देखो। कभी तारों को अपने घर में सजा कर देखो….. कोई मंज़िल नहीं ऐसी जिसे तुम पा ना

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