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My Creativities

सुविचार / Quotes 70%
कविताएँ / Poems 90%
ग़ज़ल, नज़्म / Gazal, Nazm 70%
गीत, रैप / Songs, Raps 80%

My Creations

मेरा नाम डॉ.कविता सिंह ‘प्रभा’ है। मैंने M.Sc,M.Phil, Ph.D और B.Ed किया है।  मैं पिछले बीस वर्षों से अध्यापन कार्य कर रही हूँ। मुझे कविताएँ, ग़ज़ल,नज़्म,गीत,रैप,नाटक तथा नुक्कड़ नाटक लिखने का शौक है।  मुझे हिंदी भाषा व हिंदी विषय से बहुत अधिक लगाव है।

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My Poems

कीचड़ और कमल

  कीचड़ में खिला कमल फिर भी,                 प्रभु-चरणों में शरण पाता है‌। सूर्य की स्वर्णिम किरणों से,             अप्रतिम सौंदर्य पाता है। कीचड़ का भाग्य है या कमल का? दोनों का साथ होना

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कठपुतलियाँ

कल तक हम समझते थे, मुट्ठी में हैं हमारी दुनिया। कौन हूँ मैं और कौन तू! यह वक्त ने समझा दिया। न फ़कीर मैं न तू कोई बादशाह, एक हाथ की बस उँगलियाँ।

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आइना

आइना भला कब बोलता है! जो देखता है वैसा ही दिखता है! क्या पहचान पाए तुम अपने अस्तित्व को? क्या नहीं देखा तुमने किसी नकाबी व्यक्तित्व को? सिर से पैर तक झूठ का

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