ग़ज़ल बंदिश में न बाँधों, मैं कोई बहर तो नहीं, Read More » डॉ.कविता सिंह 'प्रभा' No Comments October 21, 2022
नई शुरुआत चलो, फिर से नई शुरुआत करें। जो रूठ गए Read More » डॉ.कविता सिंह 'प्रभा' No Comments August 2, 2022
ख़ुशी ख़ुशी दोगुनी हो जाती है, जब दोस्तों से थोड़ी Read More » डॉ.कविता सिंह 'प्रभा' No Comments August 2, 2022
नई बात वही दुनिया,वही लोग,मैं भी वही हूँ। फिर भी हर Read More » डॉ.कविता सिंह 'प्रभा' No Comments August 2, 2022
कल तो अजनबी है कल तो अजनबी है,आज ही अपना है। आज को Read More » डॉ.कविता सिंह 'प्रभा' No Comments August 2, 2022
फ़ासले फ़ासले दरमियां थोड़े कम कर दो, गिले-शिकवे किसी हिसाब Read More » डॉ.कविता सिंह 'प्रभा' No Comments August 2, 2022
किस्तें मैं क्या कहूँ अपना दिल-ए-हाल, बस मैं हूँ और Read More » डॉ.कविता सिंह 'प्रभा' No Comments August 2, 2022
पनाह रात की आगोश में, ख़्वाबों को पलने दो। सुबह Read More » डॉ.कविता सिंह 'प्रभा' No Comments August 2, 2022
तलाश तलाश कभी खत्म नहीं होती! हर एक साँस जीने Read More » डॉ.कविता सिंह 'प्रभा' No Comments August 2, 2022
सपने सपने वही, जो सोने नहीं देते। अपने वही, जो Read More » डॉ.कविता सिंह 'प्रभा' No Comments August 2, 2022