जाओ तुम मगर फिर आना,
सोचूँ जब कभी ख़्याल बन जाना।
जाओ तुम मगर फिर आना..
इंतज़ार का अपना ही लुत्फ़ होता है, लौट आओगे वादा कर जाना।
जाओ तुम मगर फिर आना….
जाओ तुम मगर फिर आना,
सोचूँ जब कभी ख़्याल बन जाना।
जाओ तुम मगर फिर आना..
इंतज़ार का अपना ही लुत्फ़ होता है, लौट आओगे वादा कर जाना।
जाओ तुम मगर फिर आना….
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