ख़ुशी

ख़ुशी दोगुनी हो जाती है,

जब दोस्तों से थोड़ी गुफ़्तगू हो जाती है।

दर्द आधा रह जाता है,

जब दोस्तों से मुलाकात हो जाती है।

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