माहौल को खुशनुमा बनाने के लिए एक मुस्कान बहुत है।
घर को जन्नत बनाने के लिए अपनों का साथ बहुत है।
छोड़ दो शिकवे-शिकायत!
ज़िंदगी जीने के लिए मन का सुकून बहुत है।
माहौल को खुशनुमा बनाने के लिए एक मुस्कान बहुत है।
घर को जन्नत बनाने के लिए अपनों का साथ बहुत है।
छोड़ दो शिकवे-शिकायत!
ज़िंदगी जीने के लिए मन का सुकून बहुत है।
Copyright © 2022 kavitaprabha.com | Design and Managed by Digibloq